Thursday, June 17, 2010

बेवफा बालम !



कहकर बेवफा उसने हाथ छोड़ दी
तड़प तड़प के मेरी रूह ने भी साथ छोड़ दी,

कोइ यार भी खब्र तक कन्धा न दे सका
हर एक दूसरे के कन्धे पे छोड़ दी !

रो रो के मेरा कफन भी मैने भिगोदिया
फिर भी मुझे खाब्र पे जनाज़े ने छोड़ दी !

उम्मीद बेशुमार थी मिट्टी से दोस्तों
मिट्टी ने भी मेरी लाश को कीड़ों पे छोड़ दी.

कहकर बेवफा उसने हाथ छोड़ दी !
तड़प तड़प के मेरी रूह ने भी साथ छोड़ दी,

- सय्यद मद्रासवाला    

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