तड़प तड़प के मेरी रूह ने भी साथ छोड़ दी,
कोइ यार भी खब्र तक कन्धा न दे सका
हर एक दूसरे के कन्धे पे छोड़ दी !
रो रो के मेरा कफन भी मैने भिगोदिया
फिर भी मुझे खाब्र पे जनाज़े ने छोड़ दी !
उम्मीद बेशुमार थी मिट्टी से दोस्तों
मिट्टी ने भी मेरी लाश को कीड़ों पे छोड़ दी.
कहकर बेवफा उसने हाथ छोड़ दी !
तड़प तड़प के मेरी रूह ने भी साथ छोड़ दी,